Hello friends, ब्रह्मांड की अथाह शक्तियों को अपने वश में करने की कई तकनीके हैं, लेकिन इनमे से जो सबसे आसान, सबसे सटीक और सबसे असरदार technique है, वो है "VISUALIZATION" | इसीलिए चाहे "Law of Attraction" की class हो या “रेकी healing” की कार्यशाला, चाहे किसी sport-man को, athlete को अपनी performance या खेल को अच्छा करना हो या फिर किसी student को अच्छे marks लाने है |
इसके लिए VISUALIZATION का ही उपयोग होता है और ये हर बार असरदार साबित होता है | दोस्तों जहाँ VISUALIZATION इतनी शक्तियों का भंडार है, केंद्र है वहीं visualization एक confusion की दूकान भी है |
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Visualization के confusion:
- क्या हमे VISUALIZATION में End Goal को देखना चाहिए या पूरे process को देखना चाहिए |
- First-person में करना चाहिए या 3rd person में करना चाहिए |
इन ही सवालों के जवाब देने के लिए मैंने इस BLOG Post को बनाया है | दोस्तों, इन technique को आजमाकर अगर आप VISUALIZATION करोगे तो आपको १००% निश्चित result मिलेगा |
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1)VISUALIZATION SECRETS
1.१) KNOW YOUR OUTCOME
Real Life Example:
दोस्तों, आज से 5 साल पहले मैं एक highway के पास स्थित hospital में काम करता था | जब मेरी night duty लगती थी, उस रात अगर कुहासा हो तो accident की संख्या अचानक बढ़ जाती थी | जब मैंने 1-2 driver से बात की, कि ऐसा क्यों होता है ?, तो वो कहते हैं की कुहासे कि कारण हमारी दृस्टि बाधित हो जाती है |
इस स्थिति में कोई गाडी सामने है, कोई गाड़ी wrong side से आ रही है, कोई sharp turn है, कोई breaker है, हम उसे नहीं देख पाते है, इसीलिए judgement कम होने कि कारण, direction पता नहीं रहने कि कारण accident हो जाता है | दोस्तों यहीं सत्य हमारी life में हर जगह लागू है |
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Visualization is a journey:
Visualization भी एक journey है, point A से point B तक | लेकिन जब तक हमारा point B, हमारी मंजिल पता नहीं होगी तब तक हमारा रास्ता भी धुँधला ही रहेगा और हमें कुछ सही से दिखाई नहीं देगा | इसलिए आप visualization के पहले मन में या paper पर पूरी तरह स्पष्ट करें की आखिर आपको चाहिए क्या ?, आखिर आपका outcome है क्या ? और Neuro-science का research ये कहता है –
Neuro-science research:
जिस समय हम अपने outcome को clearly, बिल्कुल crystal clear, एक दम detail में define करते है, उसी समय हमारे brain का बहुत सारा हिस्सा activate हो जाता है, जो की हमें हमारे GOAL तक पहुंचने में हमारी मदद करता है |
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Example:
1)मन लो आपको एक flat लेना है, तो सिर्फ इसी thought से काम नहीं चलेगा | आप clarity कैसे लाएंगे ?
इसके लिए ये question मन से पूछो- अगर flat लेना है, तो कितना बड़ा ? कितने कमरे का ? किस area में ? किस locality का ? किस design का ? किस constructor या builder का ? जितनी detail में जान सकते जो जानो |
2)अगर आमिर बनना है, तो सिर्फ आमिर बनने के thought से काम नहीं चलेगा| आप clarity कैसे लाएंगे ?
अब question होंगे - कितना आमिर बनना है ? कितने पैसे कमाने है ? per - month कैसे कमाना है | क्या आपके पास कोई action plan है ? क्या job या बिज़नेस करना है
इस तरह की स्पष्टता जब आप अपने mind को देते है | तो आपका mind उस detail को पकड़ता है, detail को समझता है | इस तरह से जब आप visualization करेंगे, तो आप अपने brain को आसानी से program कर सकेंगे और आपको १००% result मिलेगा |
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1.२) WRITING AND SPEAKING YOUR GOALS
आप imagine करिये कि आप गाड़ी से 1 घंटे के tour पर जा रहे है, आप 1 घंटे driving करके वापिस आ चुके है | अब मैं आपसे बोलू, मुझे बताओ की रास्ता में आपको कितने आदमी मिले ? , कितनी दुकाने मिली ?, कितनी गाड़िया आपके पास से cross हुई ?, आप नहीं बता पाएंगे |
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Our Brain Capacity:
क्योकि हमारे brain की एक limited capacity है जानकारी store करने की, इसलिए वो फालतू चीजों को delete कर देता है |इसलिए ज्यादातर information जो भी हमारे brain हमारी eyes या हमारे sense organs के सहारे आती है, brain उनमे से फालतू चीजों को delete कर देता है और जो काम की लगती हैं, बस उनको store करता है |
Visualization process:
दोस्तों, याद रखियेगा visualization इसलिए result लाता है क्योकि ये हमारे brain में न्यूरोनल circuits या nerve cell के एक खास पैटर्न को बनता है और ये तब होगा, जब एक “CLEAR THOUGHT” हमारे brain में लम्बे समय तक hit करे, वो deeply हमारे brain को impress करे |
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विचार पर focus की practice:
दोस्तों अब यहां पर एक बात समझने वाली है, जब हम visualization करते है | हमने सोचना शुरू किया की हम अच्छे marks ला रहे है | फिर थोड़ी देर में मुझे याद आया की मैं park में गया था, वहां, पर बहुत ज्यादा कचरा था, कोई सफाई नहीं करता, नगरपालिका वाले तो सिर्फ पैसे लेते है, पता नहीं सरकार क्या करती है ? और आपने सरकार को गालिया देना शुरू कर दिया |
अभी आप अच्छे marks लाना चाहते थे, अभी आप सरकार को गली दे रहे है | इसका reason ये है की आपने अपने brain को एक ही विचार पर focus की practice नहीं कराई | लेकिन psychologist ने research में ये देखा है, जब आप अपने visualization के steps को लिखते है, या फिर उसको बोल कर practice करते है |
उसकी audio को record करके guided meditation के रूप में आप इसको practice करते है, इसका effect 10 times बढ़ जाता है | इसलिए दोस्तों मेरी जितनी meditation है, visualization exercises है ये सारी इतनी popular हुई, क्योकि इन्होने किसी की life को touch किया,नए neurological pattern हमारे brain में बनाया, old patterns को break किया और इसके कारण हमे एक नया result दिया |
इसलिए दोस्तों simply आप इसको लिखिए, आप जो भी visualize करना चाहते है, आप उसे एक बार paper पर लिख ले और बोल कर २-3 बार practice करे | चाहे तो आप record कर ले, उसके बाद आप visualization करे, तो वो thought आपके दिमाग मे ठहरेगी और distraction बहुत ही काम होगा |
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1.३) THIRD PERSON VS 1ST PERSON VISUALIZATION
visualization Confusion:
- अक्सर सवाल उठता है, की जब हम visualization करे, तो first person की तरह करे, जैसे की हम खुद experience कर रहे है |
- हम खुद को 3rd person के रूप में देखे, जैसे की stage पर कुछ हो रहा है और मैं वहां हूँ या फिर जैसे हम कोई movie देखते है, play देखते है, उस तरह से खुद को देखे |
दोस्तों, एक research किया गया था, Ohio University के द्वारा, क्योकि ये एक ऐसा सवाल है, जिसने बहुत confusion create करके psychologist का जीना हराम कर दिया |
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visualization Research:
Music के students को २ parts में बांटा गया | “एक part” को ये बोला गया की आप अपने मन में practice करो, जैसे की आप violin बजा रहे हो, music की practice कर रहे हो | “दुसरे group” को ये बोला गया की आप ये देखो कि आप कहीं बैठे हुए हो और third person के रूप में आप practice कर रहे हो, इस visualization को आप करो |
जब result देखा गया तो पाया गया उन दोनों के result एक समान थे | वहीं एक “तीसरा group” था, जिसने की दोनों को practice की थी और जब ये देखा गया “तीसरे group” की performance इन दोनों group की performance से बहतर थी | कहने का अर्थ ये की जब हम “first person” में भी visualization करे और उसके बाद “third person” में भी visualization करते है |
उस समय हमारे brain का बहुत बड़ा हिस्सा active होता है उससे हमारे full brain की capacity use होती है | हमारे brain पर जो impression बनते है वो बहुत ही strong बनते है | दोस्तों, in-fact जब हम “third person visualization” करते है, तो खुद को stage पर देखते है, उस समय हम अपने brain को तैयार कर रहे होते है, visualization के लिए | वहीं जब हम “first person” की तरह करते है, उस समय हम अपने heart को active करते है, हम अपने emotion को feel करते है |
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अब visualization के mechanism को समझते हैं
- first step है mind की activity की खाश दिशा में बढ़ाना |
- second step है इसको emotionalize करने की मतलब अच्छी भावनाएं या emotions पैदा करना |
जब mind, brain और heart ये सब एक साथ काम करते है synchronize हो कर काम करते है | तो हमे हमारा result निश्चित मिलता है |
End Result Vs Full Process Visualization:
ये confusion दोस्तों, हर किसी में है, psychologist में भी, Law of attraction के coaches में भी, और हर जगह इसके बारे में अलग-अलग बातें मिली है, वो ये है -
- जब हम visualization करे तो उस समय सिर्फ हम end result देखे की हमें क्या चाहिए ?
- हम process को भी visualization करे |
दोस्तों यहीं California university की psychologist की team की research सामने आयी और उसने इस रहस्य से पर्दा उठाया |
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Research:
उसने students के 2 group को लिया, “first group” को ये बोला आप अपने result को देखो, आपके सामने ये report card है, जिसमे आपने बहुत अच्छे marks achieve किये है | आप इसको देखो, enjoy करो, imagen करो की लोग आपको बधाईया दे रहे है की आपने अच्छा किया और celebrate कर रहे हो | वहीं दूसरी तरफ, दूसरे group को ये बोला गया |
आप शुरू से अंत तक देखो की आपने कैसे पढ़ाई करी ?, कैसे problem solve की ?, क्या-क्या challenges आपके साथ आयी ?, कैसे आपने उन challenges को handle किया ? और कैसे आपने सफलता पाई ? दोस्तों जब result को compare किया गया तो सब shocked रह गए |
पहले group का performance बहुत कम था second group के मुकाबले जिसने की पूरे process को visualization किया था| दोस्तों, “पहला group” जिसने की result को मन में देखकर enjoy किया, वो लोग ज्यादा relax हो गए, overconfidence में पड़ गए, इसके कारण, उन्होंने action कम लिया |
वहीं “दूसरे group” ने जब काम करने की practice की और problem को solve भी किया | इसके कारण उनका जो stress था, उनका जो डर था, उनका जो performance anxiety था, वो सब कुछ ख़त्म हो गयी | इसके कारण उन्हें action लेने में ज्यादा inspiration महसूस हुआ, वो ज्यादा motivated रहने लगे और इसके कारण इन्होने ज्यादा action लिया, अच्छे से action लिया, solid action लिया और अच्छे results लाये |
दोस्तों, ये visualization के वो tools है, जिन्हे की आप अपनी life में practice करेंगे तो आपकी visualization बहुत ही ज्यादा powerful हो जाएगी | दोस्तों, अगर आप इस पर BLOG Post चाहते हो की किस तरह से visualization को करना है ?, क्या इसके basic steps है ?, कैसे वो फायदा पहुँचता है ?
तो आप comment में लिख कर मुझे जरूर बताये | दोस्तों, मुझे उम्मीद है मेरे blog post आपकी life को touch कर रहे है, आपकी life में कुछ ना कुछ change कर रहे है | अगर ऐसा है तो BLOG को अपने दोस्तों तक भी जरूर share करे |
Thank You
Dr Peeyush Prabhat