hello friends, क्या आपको पता है ? Brain को program करने की सबसे आसान तकनीक कौन सी है ? क्या कोई ऐसी तकनीक है, जिसके सहारे की हम अपने Vibrationको अच्छा करके, अपने लक्ष्य को manifest कर सके, जी हां, ये है “AFFIRMATION” |
दोस्तों, “AFFIRMATION” एक बहुत ही simple और आसान तकनीक है, जिसको आप कहीं भी सोते-जागते, उठते-बैठते, office में घर में कहीं भी practice कर सकते हैं | लेकिन दोस्तों, बहुत सारे लोगो की ये शिकायत आती है, क्या “AFFIRMATION” सच में काम करते हैं ?, क्या इससे कुछ फायदा होता है ?, हमारे लिए तो ये काम ही नहीं कर रहा |
इस Blog Post में, मैं आपको “AFFIRMATION” का सही तरीका बताऊंगा | इसके अलावा में कुछ ऐसी technique बताऊंगा, जिसको की follow करके आप इसकी power को 10 गुना, 20 गुना नहीं बल्कि 100 गुना बढ़ा सकते है | जी हाँ 100 गुना powerful अपनी ताकत को आप कर सकते हैं |
दोस्तों, “AFFIRMATION” बहुत जरूरी है, हर किसी को करनी चाहियें क्यों ?? क्योकि हमारे Mind में जो Automatic Negative Thoughts चलते रहते हैं, ये इनको ख़त्म करता है |
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How to make Affirmations work faster:
Research:
एक research ये कहता है - हमारे Mind में रोज 70,000 thought आते है, लेकिन इनमे से 90 % thought negative है और 85% thought वहीं है, जो की हमने कल सोचे थे | फिर हम कुछ नया या positive कैसे expect कर सकते हैं ? तो उसको counter करने का सबसे आसान तरीका है, “AFFIRMATION” |
क्योकि हर समय आप meditation नहीं कर सकते, आप prayer नहीं कर सकते, लेकिन ये एक ऐसी तकनीक है जिसे आप कहीं भी practice कर सकते है और ये इतनी शक्तिशाली है की इससे आप brain पर भी work करके circuits या program को change कर सकते है | उसके अलावा आप अपनी vibration को भी अच्छा करके आप जो चाहो वो life में according to law of attraction manifest कर सकते हो |
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१) “AFFIRMATION” MUST BE BOLD, CLEAR AND POSITIVE
दोस्तों, “AFFIRMATION” को clear होना बहुत जरूरी है, शिकारी चाहे कितना भी अच्छा हो तब तक शिकार नहीं कर सकता, जब तक वह शिकार को ना देखें |
उसी तरह से आप अपनी life में कुछ भी वो create नहीं कर सकते हो, जिसका की खाका आपके brain में ना हो | एक painter अगर कोई अच्छी painting बनाता है, तो इससे पहले वो जानता है कि उसे क्या बनाना है ?
आप हमारा OBSERVE YOUR MIND AND THOUGHTS का BLOG भी देखा सकते है |
२) DESTINATION NOT DECIDED TILL LAST MOVEMENT
घर से निकले और किसी ने आपसे पूछा कहां जा रहे हो ?, आप कहोगे कि हवा महल नहीं जाना, फिर पूछा कहां जाना है ?, आपके कहां ताजमहल नहीं जाना | क्या आप कहीं पहुंच पाएंगे ? इसे कहते है negative “AFFIRMATION” |
मतलब कि ये नहीं करना, ये नहीं बनना, ये नहीं खाना, ये नहीं manifest करना | उसी तरह से अगर आप positive रहै और अपने goal को clear रखे और इसको “AFFIRMATION” कि रूप में boldly practice करे तो ये निश्चित manifest होगा और इसके ऐसे result आएंगे की आप shocked हो जायेंगे |
उदाहरण:
SWITCH ON YOUR SUBCONSCIOUS MIND:
एक बार की बात है, मैं mobile पर काम कर रहा था, काम करते-करते उसकी charging १% हो गयी | १% होने पर मैंने उसे charge में लगाया की सुबह उठूंगा और देखूंगा battery charged मिलेगी | लेकिन जब मैं सबह उठा तो mobile OFF था | Reason ये था, मैंने charging में तो लगाया लेकिन switch को ON नहीं किया |
दोस्तों, अगर अपने subconscious को ON नहीं करेंगे तो चाहे कितनी भी information दो वो information register नहीं होगी, record नहीं होगी | जिस तरह से आपने tape-recorder तो लगाया पर button को play नहीं किया तो recording नहीं होगी | उसी तरह से आपको अपने subconscious को(deeper mind) को ON रखना पड़ेगा, ताकि ये सारे कि सारे information और suggestion आपके Deep Mind में चले जाएं |
इसको open करने का तरीका क्या है ?, इसको open करने का तरीखा है अल्फा state में रहना, मतलब की brain wave को slow करना | दोस्तों, २ बार ये brain wave naturally slow रहती है, ठीक सोने से पहले और ठीक उठने के बाद और इसके अलावा mindfulness meditation और deep-breathing भी ऐसी ही तकनीक है |
जिसके सहारे की आप अपनी brain की speed को intentionally slow कर सकते हो और subconscious का switch-on कर सकते हैं | "Mindful-breathing" का मतलब है कि जो सांस आप ले रहे हैं उसको साक्षी भाव से 1 मिनट तक देखें और "Deep-breathing" मतलब गहरी सांस अंदर ले और छोड़े |
ये ना सिर्फ आपके brain को relax करता है बल्कि subconscious को activate करके जो भी suggestion आप लेते हैं, उसको deep mind में register करता है, तो इसकी practice आप करें “AFFIRMATION” के साथ-साथ |
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3) USE ALL SENSES TOGETHER
मेरे एक दोस्त थे “रवि जी”, जब भी उनकी party होती थी तो उस समय maximum लोग उनकी party में आते थे | उसका reason ये था की वो e-mail भी भेजते थे, एक letter भी Post कर देते थे, whatsApp पर message भी करते थे, एक text message भी कर दिया करते थे mobile से और इसके अलावा आस-पड़ोस के जितने भी लोग होते थे उनको भी बता देते थे की अमुक दिन पार्टी है, उसको याद दिला देना |
इसके कारण उनकी party जब भी होती थी उसमें maximum लोग आते थे | दोस्तों, यहीं हमारे brain के साथ भी true है | हमारा brain एक “CENTRAL ORGAN” है और इसके receptors है आंख, नाक, कान, skin, ये सारी चीजे एक receptors की तरह काम करती हैं |
जो information को afferent nerve के सहारे हमारे spinal cord में ले जाती है और वहां से ascending pathway के सहारे हमारे brain में चले जाते है | अब दोस्तों, एक साधारण आदमी “AFFIRMATION” के time में सिर्फ एक ही sense को use करता है, लेकिन अगर आप बाकि senses को भी use करे तो “AFFIRMATION” का power बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगा |
उदाहरण:
अगर आप “AFFIRMATION” को मन में बोल रहे हो तो आप जोर से बोलो कर, उसकी आवाज से कान को stimulate कर सकते हो | इसके अलावा आप “AFFIRMATION” की audio बना कर, उसको भी कान से सुन सकते है |
आप अगर मन में “AFFIRMATION” को लिखा हुआ देखे या किसी vision board पर “AFFIRMATION” को लिखे या लिख कर अगर आप practice करे तो इसके सहारे आप आँखों को भी employ कर रहे हो और इसके सहारे ना सिर्फ आप brain की capacity को बढ़ा रहे है, बल्कि “AFFIRMATION” की power को कई गुना बढ़ा रहे है |
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४) TIMING
दोस्तों, कभी आप ईंट के भट्टे में गए हैं वहां जब मिट्टी गीली होती है तो आप उसको कोई भी आकार दे सकते हो, उसे किसी भी तरह से बदल सकते हो | लेकिन जब मिट्टी सूख जाती है और पक कर ईंट बन जाती है तो उसको बदलने के लिए आपको “नाको तले चने चवाने पड़ेंगे”, यहीं हमारे brain के साथ भी सच है | दोस्तों, हमारी life तब बदलती है, जब हमारा brain change होता है |
Neuroplasticity ये कहती है:
हम अपने brain को तो बदल सकते है, लेकिन उसके लिए बहुत मसक्क्त करनी पड़ेगी | 7 साल तक हमारा brain एक कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जिसको जिस shape में डालना चाहो, उस shape में डाल सकते हो, लेकिन उसके बाद वो इतना stiff हो जाता है की उसमे program जाते ही नहीं है और इसके लिए दोस्तों आपको “AFFIRMATION” के duration को बढ़ाना पड़ेगा, effort को बढ़ाना पड़ेगा |
कई लोग कहते है की मैं दिन में 5 मिनट “AFFIRMATION” practice कर रहा हूं और कोई result नहीं आ रहा, 5 मिनट आपने अपने brain को positive thought दिए, लेकिन 23 घंटे 55 मिनट आपने अपने brain को negativity में रखा, तो कौन जीतेगा ?, negativity जीतेगी |
आपने देखा होगा की ज्यादातर आपका brain negative सोचता है और repetitive thought ही सोचता है तो आपके thought भी negative ही होंगे और वहीं होंगे जो आपने कल manifest किया है | अगर कुछ नया करना चाहते हो तो उसके लिए नए thought को जन्म देना पड़ेगा, पुरानी habit इतनी पुरानी और मजबूत है की इसको हिलने के लिए २-५ minute से काम नहीं चलेगा |
जब तक आप 30 minute या उससे ज्यादा “AFFIRMATION” की practice नहीं करते है, ये जो पुराने brain में circuit नहीं टूटेंगी और नए brain के जो neurons है, नए organization में, नए pattern में, नहीं जुड़ेंगे | फलस्वरूप कुछ भी नहीं बदलेगा, इसलिए दोस्तों आप “AFFIRMATION” की duration को बढ़ाये |
अगर मन नहीं करता तो आप एक time set कर दे की या फिर आप group में करे, लेकिन आप जब तक इसको पूरी मेंहनत से नहीं करेंगे, तब तक कोई भी result नहीं आएगा | दोस्तों, इससे पहले मैं आपसे दरख्वास्त करता हूं कि आप मुझे INSTAGRAM पर जाकर जरूर follow करें क्योंकि वहां मैं live आता हूं |
आपके question and answer लेता हूं इसके अलावा मैं live meditation भी कराता हूँ, और world level के expert का में interview करता हूं, जिनसे की आप बहुत कुछ सीख सकते है |
आप हमारा Third Eye Activation का BLOG भी देखा सकते है |
५)अपने EGO को दबाओ और अपने HIGHER SELF या GOD NATURE को जगाओ
दोस्तों आपके अंदर एक “EGO” है, जो की कभी भी अपने आप को संपूर्ण या whole महसूस नहीं करने देता | दोस्तों इसकी आवाज क्या है ? मैं तो बर्बाद हो गया, मेरे पास कुछ नहीं है, मैं सबसे कमजोर हूं, हमेशा डरा रहता है और आपको भी डराता रहता है |
लेकिन दोस्तों आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि आपके अंदर एक ऐसा component भी है जैसे कि “God component” जिसे कि “Higher Self” भी कहते है, जिसे मालूम है , मैं कुछ भी कर सकता हूं | सारे abundance और पैसो या success का source कोई इंसान नहीं बल्कि हमारी चेतना, हमारी consciousness है |
जो ये जानता है कि मेरे अंदर सभी तरह के creativity है, सभी ideas है, मैं कभी भी productive बन सकता हूँ और कुछ भी कर सकता हूँ | अगर आपका “Ego Dominant” है आपको डर ज्यादा लगता है, परेशानी ज्यादा है, घबराहट ज्यादा है, तो कहीं ना कहीं अहंकार ने आपके ऊपर dominant कर लिया है | अभी भी समय है की आप अहंकार से परे जाये, अहंकार को शांत करें और अपने अंदर की चेतना को जगाएं |
इसको जगाने के तरीके है meditation, और awareness है | इसके ऊपर एक separate Blog post भी आएगा, लेकिन अभी के लिए आप इतना ही जान ले, की आप aware रहेंगे की आपके अंदर भी एक ऐसी चेतना है, जो की कुछ भी कर सकती है | तो आप इस power को जगाते हैं और इस power के साथ जब आप “AFFIRMATION” की practice करेंगे, तो ये १+१= 11 नहीं 111 हो जायेंगे, इतनी शक्ति है इसमें |
आप हमारा Remain Positive at Work का BLOG भी देखा सकते है |
६) USING MUSCLE MEMORY
neuro science का एक research कहता है की कुछ ऐसे लोग थे | जिनकी याददाश्त Accident के कारण चली गयी, उसने ये पता नहीं था की उनका नाम क्या है ? और वो कहां के रहने वाले है ? लेकिन फिर भी वो cycle चला सकते थे, फिर भी उन्होंने गाड़ी चलना नहीं भूला, फिर भी वो mussels की activity वो कर सकते थे |
इसका reason क्या है ? हमारे brain की जो याददाश्त है, उससे भी powerful एक memory हमारी “मांस-पेशियों” में store होती है | जब हम इस memory के सहारे अपने brain को program करते है, तो इसके effect बहुत ज्यादा मिलते है, इसलिए जब आप “AFFIRMATION” की practice करे तो आप dance कर सकते हैं, हाथो-पैरो की खास movement कर सकते है |
इसके सहारे आप ना सिर्फ अपने brain में register कर रहे हैं, बल्कि आप उस information को अपनी मांसपेसियों में register कर रहे है | याद रखियेगा “Muscle Memory Never Fails”, जी हां muscle की memory आपको कभी भी धोखा नहीं देगी |
आप हमारा Secret of Vipassana Meditation का BLOG भी देखा सकते है |
७)MEETING OF HEART AND BRAIN
दोस्तों, आपने देखा होगा की अगर किसी बच्चे को पैदा करना है तो उसके लिए एक male भी चाहिए और एक female भी चहिये | कोई एक male अकेले बच्चा पैदा नहीं कर सकता, उसी तरह एक female भी अकेले बच्चा पैदा नहीं कर सकती, IVF के example नहीं देना वो मेरे ही field से है और मुझे इसके बारे में सारी details पता है |
उसी तरह से अगर आप life में कुछ create करना चाहते है, कुछ change करना चाहते है, तो उसके लिए आपको अपने brain और heart दोनों की जरूरत पड़ेगी | एक सही और “Clear Thought” और “Positive Emotion” की, जैसे की “Gratitude”, प्रेम etc | जब तक ये दोनों align नहीं होंगे, तब तक आपकी vibration अच्छी नहीं बनेगी और जब तक vibration नहीं बनेगी आपकी life नहीं बदलेगी |
इसलिए जरूरत ये है की “AFFIRMATION” की practice के साथ-साथ खुद से ये सवाल पूछे, जब मैं अपने goal को achieve कर लूंगा तो कैसा feel करूंगा, क्या मैं excited होऊंगा ? , क्या मैं happy होऊंगा ? , क्या मैं gratitude की feeling लाऊंगा ? , क्या मेरे अंदर courage आ जायेगा ? , confidence आ जायेगा ? क्या आएगा उसको feel करने की कोशिस करे |
याद रखे brain के साथ-साथ आपको अपने heart को भी tune करना है, program करना है | जब आप नए thought लाते है तो आप electrical activity generate करते है और जब आप सकारात्मक emotion create करते है तो आप magnetic wave बनाते है और ये Electro-Magnetic wave ही आपका vibration है, आपका ब्लूप्रिंट है जो की आपको यूनिवर्स से क्या मिलेगा ? , यह निर्धारित करता है |
दोस्तों आशा करता हूँ की ये blog आपको पसंद आया होगा, आपकी जो भी feeling है comment में लिख कर जरूर बताये | ये post मैंने वहीं बनाई है, जैसा आपने request की है, और मैं सारे blog post यकीन करना आपके request के ऊपर ही बना रहा हूं | ये blog Post आपको पसंद आयी हो तो अपने friends तक जरूर share करे |
Thank You
Dr Peeyush Prabhat
Sir , SUPER Nice post Valuable information. Thank you