दोस्तों, हम सब ये सुनते आये हैं, हमारे SUBCONSCIOUS MIND में बहुत ताकत है | लक्ष्य चाहे कितना बड़ा हो, या कैसा भी हो, अगर इसने अपने अंदर accept कर लिया तो बिना reality में बनाये, दम नहीं लेता, चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े |
आज में आपको SUBCONSCIOUS MIND के 3 ऐसे rules बताने वाला हूँ, जिनको जाने बिना आप अपनी SUBCONSCIOUS MIND की शक्तियों को unlock नहीं कर पाओगे | जितने भी successful लोग हुए हैं, चाहे वो Art के field में हो, Science के field में हो उन्होंने जाने अनजाने में इन rules को practically काम में लिया |
ये ऐसे 3 rules हैं, जिनको की आपने एक बार apply करना सिख लिया तो आप अपनी SUBCONSCIOUS MIND की सारी शक्तियों को सही तरीके से use कर पाएंगे, channelize कर पाएंगे, concentrate कर पाएंगे और आप अपने career, Life, अपने world के लिए एक बढ़ा मुकाम हांसिल करेंगे |
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तो चलिए दोस्तों, “BLOG” को शुरू करते हैं ये “BLOG” बहुत ही Deep psychology और spirituality का मिश्रण है | इसमें मैंने बहुत सारे research आपको बताये हैं, इसलिए मेरी आपसे ये request हैं, आप “BLOG” को पूरा पढ़े |
१) PRINCIPLE OF PAIN AND PLEASURE
दोस्तों, हमारे brain के HYPOTHALAMUS के बगल में area हैं, जिसको की “Reward center” कहते हैं, वहीं उस से थोड़ी सी दूर punishment center हैं | अब हम चाहे कोई भी काम करें, हमारे brain में बस 2 biochemical changes होते हैं | या तो वो pain देगा या pleasure |
हमारे brain में 2 तरह के caskets(chemical) create करते हैं, या तो ये "positive chemicals"(dopamine, oxytocin, endorphins) release कराता हैं या फिर "negative chemical" (cortisol, adrenaline) release कराता हैं | अगर negative chemical release होंगे, तो हमारे brain को वो event punishment की तरह लगेगी, हमारा brain उस से दूर भागना चाहेगा |
वहीं positive chemical हमें rewarded feel कराता हैं| उस activity को हमारा brain निश्चित करना चाहेगा और उस GOAL को निश्चित हासिल करेगा ही करेगा |
अब दोस्तों समझने की बात ये हैं, कोई काम है , जिसे SUBCONSCIOUS की मदद से करना चाहते हैं, क्या ये हमारे लिए rewarding हैं या punishing? ये कैसे पता चलेगा? दोस्तों, यह आपको समझना है की कोई भी Goal न दुखद है न सुखद | ये हमारे mind का definition है, किस तरह से हम उसको देखते हैं, ये decide करता है, हमे इस activity से हमे pain मिलेगा या pleasure |
इसे एक उदाहरण से समझते हैं, एक औरत कार drive करने को जाती हैं, वो बार-बार सोचती हैं, कहीं accident हो गया तो, कहीं किसी ने पीछे से गाड़ी में टक्कर मार दी तो, कहीं road traffic मिल गया तो | वहीं एक दूसरी लड़की कार चलने के लिए जाती हैं, वो ऐसे सोचती हैं, आज का दिन तो बहुत ही सुहाना हैं मुझे क्या मजा मिल रहा हैं, में driving के दौरान अच्छी-अच्छी views को देखूंगी, clutch दवाऊँगी, indicator दवाऊँगी मेरा enjoyment होगा, entertainment होगा, अब देखो घटना एक ही ही है पर उस लड़की को pleasure(ख़ुशी) मिलेगी, वही पहली महिला को डर लगेगा, वो उस काम को नहीं करना चाहेंगी वहीं ये लड़की उस काम को करना चाहेगी |
उसी तरह से हम अपनी LIFE में जो भी Goal लेते हैं उसकी definition हम ही decide करते हैं, हम उस definition को change भी कर सकते हैं | अगर हम Goal देखने के नजरिये या attitude को बदलना शुरू करे, तो हमारा brain painful को pleasure में बदल लेगा | इसी तकनीक के सहारे से बड़े-बड़े genius घंटो-घंटो Cricket की practice करते हैं, Badminton की practice करते हैं, क्युकी वो दर्द में भी ख़ुशी ढूंढ लेते हैं|
आप हमारा Habit Successful People का BLOG भी देखा सकते है |
२) SUBCONSCIOUS MIND का रहस्यमयी ढक्कन
दोस्तों, हमारे MIND के आगे, आँखों के आगे एक FILTER लगा हुआ हैं | हम दुनिया को “जैसी हैं वैसा नहीं देखते” | हम दुनिया को “वैसी देखते हैं जैसे की हम हैं” | अब जहां पर ढक्कन का मतलव हैं, हमारे mind के ऊपर एक limiting believe बनी हुई हैं | हम सुनते आये हैं subconscious mind बड़े से बड़े goal को real(सजीव) बना सकता हैं | हम सजीव क्यों नहीं कर पा रहे हैं ? , उसका reason यही हैं, "subconscious mind का ढक्कन" |
हमारे ऊपर एक limitation लगी हुई हैं | उदाहरण के लिए हम कितना दौड़ सकते हैं, कितना कमा सकते हैं, कितनी पढ़ाई कर सकते हैं, कितने अच्छे relation को बना सकते हैं, ये एक believe system के तोर पर हैं, आप इसे weak self-image कह सकते हैं, negative believe system कह सकते हैं, negative thinking कह सकते हैं, उस के रूप में एक FILTER हमारे आगे लगा हुआ हैं | एक gatekeeper हमारे आगे बैठ हुआ हैं, जब कोई भी information आती हैं, ये limiting believe की पट्टी हमको उस पर अमल करने से रोक देती हैं |
उदाहरण के लिए आपका thermostat set हैं, मैं १०,०००/महीने से ज्यादा नहीं कमा सकता तो जैसे ही कोई आपको १२,००० या १५,००० कमाने वाले ideas देगा, आप उस पर हंसना शुरू कर देंगे, आप मजाक उड़ाना शुरू कर देंगे, उसको किसी भी कीमत पर counter करना चाहेंगे "हे!!! ये तो झूठ बोल रहा हैं " मुझे बेबकूफ बना रहा हैं, जाने अनजाने में आप उस opportunity को miss कर दोगे, आप उस पर कोई भी action नहीं लेंगे |
अब आप अपनी LIFE को change करना चाहते हैं तो पहले आपको अपने subconscious mind की limitation को उखाड़ फैकना होगा |
एक उदाहरण- Weight lifting के time में ये माना जाता था, खास weight कोई उठा नहीं सकता, एक बार उसके Coach को एक idea सूझा, उसने weight lifter को बेफ़कूप बनाया और बोलै की ये बजन कम हैं और actually में वो बजन ज्यादा था, चुकी उसके mind ने ये accept कर लिया, उसने उस बजन को उठा लिया और world record को तोड़ दिया | अब हमें समझना हैं, हम इसको तोड़ कैसे सकते हैं? , इन limitation से कैसे बहार निकल सकते हैं?
इसके 2 तरीखे हैं
- Temporary Method
- Permanent Method
Temporary method-
जब की subconscious mind का ये जो gatekeeper सो जाता हैं जैसे की just जागने के बाद और सोने से just पहले के समय, इस समय हमारे subconscious mind का ढक्कन खुला होता हैं | उस समय अगर हम कोई affirmation देते हैं, visualization करते हैं, किसी suggestion को सुनते हैं तो ये हमारे subconscious में direct चली जाती हैं | इसके अलावा hypnosis की अवस्था में भी ये open होता हैं |
Permanent method-
इसको Permanently खोलने का तरीका है thought process को change करना | Thought process को कैसे चेंज करेंगे ? ऐसे लोगो के साथ रहे जो की वो काम already कर चुके हो, जो काम आप करना चाहते हैं | आप जाने-अनजाने में उनके thought process को, उनके vibration को, इनके emotion को “MIRROR NEURON SYSTEM” के तहत match करना शुरू कर देंगे | इसके अलावा आप उन किताबो को पढ़े जो आपको motivate करती हैं, प्रेरणा देती हैं, वो तरीके बताती हैं, वो story सुनाती हैं, जिसके सहारे की असंभव को भी सम्भब बनाया जा सकता हैं, मुश्किल को आसान बना दिया जाता हैं|
इस inspiring state में आपकी जो limitation हैं ये सारी limitation automatically टूटनी start हो जायेंगे | इसके अलावा “MEDITATION” एक बहुत ही strong method हैं उसे भी आप अपने काम में ले सकते हैं और इस ढक्कन को permanently open कर सकते हैं |
आप हमारा Break limiting believes का BLOG भी देखा सकते है |
३) EMOTION SETS THE MIND IN MOTION
हमें workshops में, किताबो में, motivational stories में ये सिखाया जाता हैं, आप अपने GOAL को set कैसे कर सकते हो ? , आप इसके लिए affirmations या visualization कैसे कर सकते हो ? दरअसल ऐसा करके आप अपने Goal को, आप अपने रॉकेट को तैयार कर रहे हैं, उसको साफ कर रहे हैं, चमका रहे हैं, मजबूत बना रहे हैं लेकिन सोचो रॉकेट के अंदर उसका petrol, उसका fuel न हो तो क्या होगा रॉकेट चलेगा ?? नहीं | वो ही fuel हैं emotion |
In-fact हम अपनी LIFE में कुछ भी manifest करना चाहते हैं, उसके लिए 3 rule की जरूरत होती हैं, ये हैं-
- Head (Thought)
- Heart (Emotions)
- Hand (Action)
इस तीनो में तालमेल बिठाना पड़ेगा | इसको एक example से समझिये अगर orchestra में जब तक ये सारे instrument वाले और गायक एक तालमेल में नहीं होंगे, तो क्या होगा ?? आपको ऐसे लगेगा की ये गाना बेसुरा हैं |
उसी तरह से अगर हमारा brain कुछ और चाहता हैं, हमारा heart कुछ और चाहता हैं तो क्या होगा ? हम अपने GOAL को achieve नहीं कर पाएंगे, क्योकि इन दोनों में ही conflict हो जायेगा | अगर हमारे emotion ये कहते हैं की काम मुश्किल हैं, नहीं हमे डर लग रहा हैं, घवराहट हो रही हैं, guilty की feeling आ रही हैं तो इसका सीधा सा मतलव हैं की आपका heart आपके brain के साथ लय में नहीं हैं | Heart को brain के साथ लय में लाने का सीधा सा मतलव हैं की आप positive emotion अपने अंदर create करना शुरू कर दो |
एक और बात जो में आपको बताना चाहता हूँ, Quantum Physics से जब आप manifest करते हैं तो आपके head(brain) में जो thought आते हैं वो electrical activity generate करते हैं | जो आपका heart हैं, वो magnetic activity generate करता हैं, ये electro-magnetic waves quantum world से interact करते हैं, और आपके GOAL को reality में convert करते हैं | अब emotion कैसे लाएंगे? ये सबसे difficult part हैं |
इसके बहुत सारे तकनीक मैने खोजे हैं, उनमे से एक तकनीक आपको बताता हूँ, आपने “दशरथ मांझी” की मूवी देखि होगी उसमे वो कहता हैं, "मैं क्यों पहाड़ काट रहा हूँ", ये प्यार हैं, |
विवेकानंद, जब अमेरिका गये थे तो बहुत सारी ऐसी agencies थी और बहुत सारे ऐसे लोग थे जो की उनके ज्ञान से प्रभावित थे, कहते थे की- “स्वामी जी आप यही बस जाये” पर वो कहते हैं, “ऐ भारत के लोगो मैं तुम्हे प्यार करता हूँ, मैं फिर से बापिस आना चाहता हूँ” |
क्या कारण हैं ?? हिरणी अपने बच्चे को बचाने के लिए, शेर से लड़ जाती हैं, वो उसका अपने बच्चे के लिए प्यार हैं | आप ये ढूढ़े, अपनी लाइफ में किन चीजों से प्यार करते हो, ये आप मत कहना कि मुझे तो किसी चीज से प्यार ही नहीं हैं |
Martin Luther King कहते हैं, "if you cannot find something to die, you are not fit for living" | इसका मतलव हैं- अगर कोई ऐसी चीज दुनिया में नहीं हैं, जिसके लिए कि आप अपनी जान भी दे सकते हैं, आपको जीने के अधिकारी ही नहीं हो |
आप वो ढूंढो कि ऐसा क्या हैं ?? क्या कोई ART हैं?? क्या कोई GOAL हैं ?? क्या कोई ऐसा हैं, जिसको कि हर हाल में प्राप्त करना चाहते हो?? क्या मानवता को कोई संदेश देना चाहते हो?? क्या आप अपनी family के लिए कुछ करना चाहते हो ?? आपका GOAL जितना emotional होगा, उसे प्राप्त करना उतना ही easy होगा | आप जो भी achieve करना चाहते हो, उसको connect करने कि कोशिश करिये | ये ही तरीखा हे HEAD एंड HEART align करने का |
THANK YOU
Dr Peeyush Prabhat
Thank you Sir , Sir may YouTube par bhi Aapke Vedio Dekhta RHA hu Aapke Scientific Motivated Topics Motivate krty by ,Aapka Hindi m Blog Pasand Aaya. Sir Aap 1 Topic py blog likhe Wo hy नशा आजकल की भागदौड के जीवन में १० में से ६ लोग नशे के आदी है Dhanyawad
Please check https://peeyushprabhat.in/how-to-quit-addiction-and-bad-habits-in-hindi/ post